5 EASY FACTS ABOUT HANUMAN CHALISA DESCRIBED

5 Easy Facts About hanuman chalisa Described

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श्री हनुमान जी की महिमा अनिर्वचनीय है। अतः वाणी के द्वारा उसका वर्णन करना सम्भव नहीं।

भावार्थ click here – हे पवनकुमार! मैं अपने को शरीर और बुद्धि से हीन जानकर आपका स्मरण (ध्यान) कर रहा हूँ। आप मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करके मेरे समस्त कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिये।

अर्थ - आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ हैं, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नौ निधियाँ दे सकते हैं।

मति रामहि सों, गति रामहि सों, रति रामसों, रामहि को बलु है।

जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥ सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।

राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।

भावार्थ – भूत–पिशाच आदि आपका ‘महावीर’ नाम सुनते ही (नामोच्चारण करने वाले के) समीप नहीं आते हैं।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

अर्थ - हे शंकर के अवतार! हे केसरी नन्दन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है।

व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥

काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥ सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।

His steadfast faithfulness, selfless like and unwavering loyalty to Sita and Rama is really an inspiration to practitioners of Bhakti yoga as he works by using his powers not for self-acquire but selflessly in provider to your Divine.

[Bhoota=Evil spirits, Pishaacha=ghost; nikata=close; nahi=don’t; avai=appear; mahabira=maha+bira=wonderful+brave; jaba=when; naama=name; sunavai=listened to]

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